Thursday, 18 February 2016

Excident में शरीर आधा हो गया, लेकिन कई ज़िंदगियों को पूरा कर गए 24 वर्षीय हरीश

पंचायत चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग कर बाइक से बैंगलोर लौट रहे 23 वर्षीय हरीश एक ट्रक की चपेट में आने से दुर्घटना का शिकार हो गए. इस दुर्घटना में उनका शरीर दो हिस्सों में कट गया और जब तक उन्हें अस्पताल पहुंचाया जाता उनकी मौत हो चुकी थी. मरने के बाद उनकी इच्छा के अनुसार उनके अंगों को ज़रूरतमंदों को दान कर दिया गया.
 
मामले के अनुसार तुमकुरु जिले के गुब्बी के रहने वाले 23 वर्षीय हरीश अपनी पल्सर बाइक से बैंगलोर लौट रहे थे, जहां NH 4 पर एक चीनी के कट्टों से भरा ट्रक उनकी बाइक पर चढ़ गया. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ट्रक हरीश के ऊपर से गुजर गया, जिससे उनका शरीर दो हिस्सों में बंट गया. लोगों द्वारा एम्बुलेंस को इसकी सूचना दी गई. 7 8 मिनट में दो एम्बुलेंस मौके पर पहुंच गई और नजदीकी अस्पताल ले जाते वक़्त हरीश की मौत हो गई. पर मरने से पहले हरीश ने एम्बुलेंस में मौजूद डॉक्टर्स और स्टाफ से अपने न रहने पर पाने अंग दान करने की बात कही.
नारायणा नेत्रालय के चेयरमैन डॉ. भुजंग शेट्टी ने हरीश के फैसले पर आश्चर्यचकित होते हुए कहा है कि "जिस समय इंसान गंभीर चोटों और दर्द से पीड़ित हो, उस समय भी वो अपने नहीं बल्कि दूसरों के बारे में सोचे ये वाकई काबिले तारीफ और हिम्मत की बात है. हरीश को काफी चोटें आई हुई थी पर हेलमेट होने की वजह से उनका दिमाग चोटिल होने से बच गया".

HOSMAT अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. अजित बेनेडिक्ट रयान का कहना है कि "हरीश की मांसपेशिया शरीर से अलग हो गयी थी, हड्डियां टूट चुकी थी और स्किन भी शरीर का साथ छोड़ चुकी थी. इसके बावजूद हरीश ने अंग दान के बारे में सोचा, ये किसी रियल लाइफ हीरो से कम नहीं".

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