आप लोगो ने अक्सर जल संकट के ऊपर होती कैंपेन देखी,सुनी होगी
कभी आपके दिमाग में ये ख्याल आया है कि... अगर पानी की पृथ्वी पे इतनी ही दिक्कत है तो... हम पानी बना क्यों नहीं लेते?
जल चूँकि.. हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से मिल कर बना होता है तो... किसी चैम्बर में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को साथ भर के.. हमें सिर्फ एनर्जी देनी है
Like A Spark... और पानी बन जाना चाहिए?
Right?
यस... राईट !!! पानी बन जाएगा
समस्या ये है कि.. साथ ही साथ होगा
एक... विनाशकारी धमाका !!!
Booooooooom !!!
और ये उस चैम्बर के साथ साथ पूरे संयत्र के चीथड़े उड़ा देगा
हाइड्रोजन... अत्यधिक ज्वलनशील है और ऑक्सीजन चूँकि ज्वलन को सपोर्ट करती है
इसलिए.. हाइड्रोजन से ज़रा सा भी खिलवाड़... मृत्यु को आमंत्रित कर सकता है
****************************************************
3 मई 1937...
जर्मनी में एक खुशनुमा सुबह... जब 97 यात्रियों के साथ.. "Hinderberg" पैसेंजर प्लेन ने जर्मनी से अमेरिका की उड़ान भरी
तब तक... ज्यादातर पैसेंजर प्लेन बैलून नुमा कैप्सूल होते थे... जिनमे हाइड्रोजन भर हवा में उड़ाया जाता था
(Click Photo In Comments)
तीन दिन बाद अमेरिका में अपनों से मिलने की ख़ुशी से चहक रहे यात्रियों को ये नहीं पता था कि...
ये यात्रा उनके जीवन की आखिरी यात्रा है
6 मई... तीन बाद... न्यू जर्सी शहर में तूफ़ान के मद्देनजर कई घंटो के इन्तजार के बाद... हिंडेनबेर्ग को लैंडिंग के लिए ग्रीन सिग्नल मिला
और... एअरपोर्ट पे पहुच के... हिंडेनबेर्ग के पायलट ने... 200 मीटर की ऊंचाई पर प्लेन को स्थिर करके ...लैंडिंग रोप नीचे फेकी
अगले 5 मिनट में यात्री नीचे आने वाले ही थे कि...
अचानक...
एक धमाका हुआ... और हिंडेनबेर्ग... आग से घिर गया
किसी मानवीय चूक... अथवा Static Electricity के कारण हाइड्रोजन में स्पार्क हुआ... और हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के रिएक्शन के फलस्वरूप... अगले ही पल हिंडेनबेर्ग आसमान में मौत रुपी आग का गोला बना हुआ था
Sure...Water Was Produced Too As A Reaction
But... At A Cost Of 36 Lives !!!
.
समुद्र के पानी से नमक को अलग कर पीने योग्य बनाना भी एक खर्चीला उपाय है... इस प्रक्रिया में एनर्जी का इस्तेमाल काफी ज्यादा होता है... जिसके कारण पूरी दुनिया के लिए पानी पैदा करना... संभव नहीं है
.
पर पानी... हमारे चारो तरफ भाप के रूप में पर्याप्त मात्रा में मौजूद है... समुद्र का पानी भले ही पीने योग्य ना हो लेकिन... समुद्र का पानी भाप बन के वर्षा बन हमें शुद्ध जल देता है
तो क्या हम "कृतिम वर्षा" जैसी किसी चीज से अधिक से अधिक बारिश करवा के पानी प्राप्त कर सकते हैं?
Well...कुछ देश इस दिशा में कोशिश कर रहे है... चीन जिनमे अग्रणी है
लेकिन प्रकृति के चक्र से खेलने के ऐसे सभी प्रयासों का अंत... सुखद नहीं होता
.
अगस्त 1952.. ब्रिटेन सरकार ने "कृतिम वर्षा" के प्रोजेक्ट में... लंदन शहर में बादलो के ऊपर सिल्वर आयोडाइड का छिड़काव कराया था... ताकि सिल्वर आयोडाइड हवा में मौजूद पानी के कणो को... बूंदे बनाने के लिए "न्यूक्लिआई" अर्थात बेस प्रदान कर के... बारिश की प्रक्रिया को कृतिम रूप से तेज कर सके
Sure... It Worked !!!!
30 मिनट के बाद... लोग... बारिश की फुहारों का आनंद ले रहे थे... मीडिया ब्रिटिश पायलट्स के इंटरव्यू ले उन्हें नायक के रूप में प्रचारित कर रहा था
जश्न मनाये जा रहे थे
और दूर कही... मौत... अपने पंजे... इंसानी जिंदगी के ऊपर कसने की तैयारी में थी
सिर्फ एक हफ्ते के बाद...प्रयोग स्थल से कुछ दूर मौजूद... Lynmouth शहर में अचानक आश्चर्यजनक रूप से बादल आसमान में इकट्ठे होने लगे
और मूसलाधार वर्षा शुरू हो गई
ऐसा लगा...मानो आसमान फट पड़ा हो
कुछ ही घंटो में...
9 करोड़ टन पानी शहर की गलियो में था
पेड़ उखड गए... बिल्डिंगे ध्वस्त हो गई थी
गाड़िया सड़क पर तैर रही थी
ब्रिटेन सरकार के प्रकृति से खिलवाड़ की कीमत...
35 जिंदगियो को चुकानी पड़ी
तब से आज तक... ब्रिटेन रक्षा मंत्रलाय ने कृतिम वर्षा के प्रोजेक्ट पर रोक लगा रखी है !!!
*************************************
जल.. ब्रह्माण्ड की गहराइयो में हर तरफ बिखरा हुआ है
हमारे सोलर सिस्टम में ना जाने कितने धूमकेतु और उल्काए अंतरिक्ष में परवाज कर रहे है... जिनके अंदर समाहित बर्फ... सागरो को भर देने की क्षमता रखती है
लेकिन... बर्फ के इन उड़ते... जमे हुए सागरो के बीच... सिर्फ एक लाल नीला ग्रह ऐसा है... जहाँ जल... जीवनदायिनी... द्रव अवस्था में पाया जाता है
हमारी अपनी पृथ्वी... जहाँ जल के अंदर ही... प्रथम जीव की उत्पत्ति हुई
.
जल जीवन की सबसे महत्वपूर्ण जरुरत है... ऐसी जरुरत... जिससे एक दिन की दूरी आपको बीमार और... एक हफ्ते की दूरी आपका साक्षात्कार मृत्यु से करा सकती है
.
इस अद्धुत ग्रह पर एक नजर दौड़ाने पर भले ही... हमें पानी हर तरफ दिखाई दे
लेकिन वास्तव में... दिख रहे पानी का 0.3 प्रतिशत ही स्वच्छ जल के रूप में उपलब्ध है...
जिस 0.3 परसेंट का 70%... कृषि और ओद्योगिक जरूरतो के लिए खर्च हो जाता है
.
आंकडो के मुताबिक... हर साल 35 लाख लोग... साफ़ पानी की अनुपलब्धता से हुए रोगों से मर जाते है
35 लाख... (लगभग) लखनऊ शहर की जनसख्या भी हैं
Think It This Way
हर साल सिर्फ पानी की कमी के कारण... लखनऊ जैसा एक पूरा शहर... लाशो से पट जाता है !!!
.
जीवन की विषमताओं से संघर्ष जारी है... शायद हम जल्द कोई ऐसा तरीका ढूंढ पाये जिससे हम.. पेयजल के संकट से जूझ रही एक तिहाई मानवता को पीने का पानी उपलब्ध करा पाये
आइये... आज "विश्व जल दिवस" पर प्रण लें कि... पानी का अधिक से अधिक संरक्षण करेंगे
ताकि... भविष्य में हमारी संताने एक ऐसे विश्वयुद्ध का सामना ना करें
जो... पानी के लिए लड़ा गया हो
.
Save Water... Save Earth !!!
***************************
And As Always
Thanks For Reading
.
नोट: कल पानी की टेंशन ना लेते हुए होली बिंदास मनाएं
साल के 364 दिन अपनी आदते बदले
त्यौहार नहीं
हैप्पी होली
कभी आपके दिमाग में ये ख्याल आया है कि... अगर पानी की पृथ्वी पे इतनी ही दिक्कत है तो... हम पानी बना क्यों नहीं लेते?
जल चूँकि.. हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से मिल कर बना होता है तो... किसी चैम्बर में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को साथ भर के.. हमें सिर्फ एनर्जी देनी है
Like A Spark... और पानी बन जाना चाहिए?
Right?
यस... राईट !!! पानी बन जाएगा
समस्या ये है कि.. साथ ही साथ होगा
एक... विनाशकारी धमाका !!!
Booooooooom !!!
और ये उस चैम्बर के साथ साथ पूरे संयत्र के चीथड़े उड़ा देगा
हाइड्रोजन... अत्यधिक ज्वलनशील है और ऑक्सीजन चूँकि ज्वलन को सपोर्ट करती है
इसलिए.. हाइड्रोजन से ज़रा सा भी खिलवाड़... मृत्यु को आमंत्रित कर सकता है
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3 मई 1937...
जर्मनी में एक खुशनुमा सुबह... जब 97 यात्रियों के साथ.. "Hinderberg" पैसेंजर प्लेन ने जर्मनी से अमेरिका की उड़ान भरी
तब तक... ज्यादातर पैसेंजर प्लेन बैलून नुमा कैप्सूल होते थे... जिनमे हाइड्रोजन भर हवा में उड़ाया जाता था
(Click Photo In Comments)
तीन दिन बाद अमेरिका में अपनों से मिलने की ख़ुशी से चहक रहे यात्रियों को ये नहीं पता था कि...
ये यात्रा उनके जीवन की आखिरी यात्रा है
6 मई... तीन बाद... न्यू जर्सी शहर में तूफ़ान के मद्देनजर कई घंटो के इन्तजार के बाद... हिंडेनबेर्ग को लैंडिंग के लिए ग्रीन सिग्नल मिला
और... एअरपोर्ट पे पहुच के... हिंडेनबेर्ग के पायलट ने... 200 मीटर की ऊंचाई पर प्लेन को स्थिर करके ...लैंडिंग रोप नीचे फेकी
अगले 5 मिनट में यात्री नीचे आने वाले ही थे कि...
अचानक...
एक धमाका हुआ... और हिंडेनबेर्ग... आग से घिर गया
किसी मानवीय चूक... अथवा Static Electricity के कारण हाइड्रोजन में स्पार्क हुआ... और हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के रिएक्शन के फलस्वरूप... अगले ही पल हिंडेनबेर्ग आसमान में मौत रुपी आग का गोला बना हुआ था
Sure...Water Was Produced Too As A Reaction
But... At A Cost Of 36 Lives !!!
.
समुद्र के पानी से नमक को अलग कर पीने योग्य बनाना भी एक खर्चीला उपाय है... इस प्रक्रिया में एनर्जी का इस्तेमाल काफी ज्यादा होता है... जिसके कारण पूरी दुनिया के लिए पानी पैदा करना... संभव नहीं है
.
पर पानी... हमारे चारो तरफ भाप के रूप में पर्याप्त मात्रा में मौजूद है... समुद्र का पानी भले ही पीने योग्य ना हो लेकिन... समुद्र का पानी भाप बन के वर्षा बन हमें शुद्ध जल देता है
तो क्या हम "कृतिम वर्षा" जैसी किसी चीज से अधिक से अधिक बारिश करवा के पानी प्राप्त कर सकते हैं?
Well...कुछ देश इस दिशा में कोशिश कर रहे है... चीन जिनमे अग्रणी है
लेकिन प्रकृति के चक्र से खेलने के ऐसे सभी प्रयासों का अंत... सुखद नहीं होता
.
अगस्त 1952.. ब्रिटेन सरकार ने "कृतिम वर्षा" के प्रोजेक्ट में... लंदन शहर में बादलो के ऊपर सिल्वर आयोडाइड का छिड़काव कराया था... ताकि सिल्वर आयोडाइड हवा में मौजूद पानी के कणो को... बूंदे बनाने के लिए "न्यूक्लिआई" अर्थात बेस प्रदान कर के... बारिश की प्रक्रिया को कृतिम रूप से तेज कर सके
Sure... It Worked !!!!
30 मिनट के बाद... लोग... बारिश की फुहारों का आनंद ले रहे थे... मीडिया ब्रिटिश पायलट्स के इंटरव्यू ले उन्हें नायक के रूप में प्रचारित कर रहा था
जश्न मनाये जा रहे थे
और दूर कही... मौत... अपने पंजे... इंसानी जिंदगी के ऊपर कसने की तैयारी में थी
सिर्फ एक हफ्ते के बाद...प्रयोग स्थल से कुछ दूर मौजूद... Lynmouth शहर में अचानक आश्चर्यजनक रूप से बादल आसमान में इकट्ठे होने लगे
और मूसलाधार वर्षा शुरू हो गई
ऐसा लगा...मानो आसमान फट पड़ा हो
कुछ ही घंटो में...
9 करोड़ टन पानी शहर की गलियो में था
पेड़ उखड गए... बिल्डिंगे ध्वस्त हो गई थी
गाड़िया सड़क पर तैर रही थी
ब्रिटेन सरकार के प्रकृति से खिलवाड़ की कीमत...
35 जिंदगियो को चुकानी पड़ी
तब से आज तक... ब्रिटेन रक्षा मंत्रलाय ने कृतिम वर्षा के प्रोजेक्ट पर रोक लगा रखी है !!!
*************************************
जल.. ब्रह्माण्ड की गहराइयो में हर तरफ बिखरा हुआ है
हमारे सोलर सिस्टम में ना जाने कितने धूमकेतु और उल्काए अंतरिक्ष में परवाज कर रहे है... जिनके अंदर समाहित बर्फ... सागरो को भर देने की क्षमता रखती है
लेकिन... बर्फ के इन उड़ते... जमे हुए सागरो के बीच... सिर्फ एक लाल नीला ग्रह ऐसा है... जहाँ जल... जीवनदायिनी... द्रव अवस्था में पाया जाता है
हमारी अपनी पृथ्वी... जहाँ जल के अंदर ही... प्रथम जीव की उत्पत्ति हुई
.
जल जीवन की सबसे महत्वपूर्ण जरुरत है... ऐसी जरुरत... जिससे एक दिन की दूरी आपको बीमार और... एक हफ्ते की दूरी आपका साक्षात्कार मृत्यु से करा सकती है
.
इस अद्धुत ग्रह पर एक नजर दौड़ाने पर भले ही... हमें पानी हर तरफ दिखाई दे
लेकिन वास्तव में... दिख रहे पानी का 0.3 प्रतिशत ही स्वच्छ जल के रूप में उपलब्ध है...
जिस 0.3 परसेंट का 70%... कृषि और ओद्योगिक जरूरतो के लिए खर्च हो जाता है
.
आंकडो के मुताबिक... हर साल 35 लाख लोग... साफ़ पानी की अनुपलब्धता से हुए रोगों से मर जाते है
35 लाख... (लगभग) लखनऊ शहर की जनसख्या भी हैं
Think It This Way
हर साल सिर्फ पानी की कमी के कारण... लखनऊ जैसा एक पूरा शहर... लाशो से पट जाता है !!!
.
जीवन की विषमताओं से संघर्ष जारी है... शायद हम जल्द कोई ऐसा तरीका ढूंढ पाये जिससे हम.. पेयजल के संकट से जूझ रही एक तिहाई मानवता को पीने का पानी उपलब्ध करा पाये
आइये... आज "विश्व जल दिवस" पर प्रण लें कि... पानी का अधिक से अधिक संरक्षण करेंगे
ताकि... भविष्य में हमारी संताने एक ऐसे विश्वयुद्ध का सामना ना करें
जो... पानी के लिए लड़ा गया हो
.
Save Water... Save Earth !!!
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And As Always
Thanks For Reading
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नोट: कल पानी की टेंशन ना लेते हुए होली बिंदास मनाएं
साल के 364 दिन अपनी आदते बदले
त्यौहार नहीं
हैप्पी होली