आज से हजारो वर्ष पूर्व... ब्रह्माण्ड की अनंत गहराइयो से अनिभिज्ञ मानव जब रात के आसमान में इन टिमटिमाते तारो को निहारता था
तो... उसे लगता था कि... बादलो की इस परत के पार ही शायद उसका खुदा... उसको बनाने वाला रहता है
शायद इन बादलो के पार कोई दूसरी दुनिया है जिससे वो अनजान है
और इन्सान का दिल पक्षियों की तरह हवा में परवाज कर बादलो के पार जाने के लिए मचल जाता था
शायद ये इत्तेफाक तो नहीं कि ऐसे 4-5000 साल पुराने भित्ति चित्र भी मिले है... जिनमे "पक्षियों के पंख" लिए मानवआकृतियो में शायद हम अपने पूर्वजो में छुपी उड़ने की कसक साफ़ देख सकते है
.
खैर आज हम उड़ना भी सीख गए है और ये भी जानते है कि बादलो के पार कोई खुदा की सत्ता नहीं अपितु असीम संभावनाओं का विशाल महासागर है
.
लेकिन आज मेरा टॉपिक है "हवा में परवाज" करने को लेकर
बेशक किसी प्लेन में या स्पेस क्राफ्ट में बैठ के पृथ्वी को निहारने का अनुभव शानदार होगा पर...
क्या होगा अगर हम किसी गुब्बारे की रस्सी पकड़ हवा में उड़ते चले जाए???
क्या वो गुब्बारा हमें स्पेस में ले जाएगा?
Or.... More importantly
क्या एक गुब्बारे द्वारा हमें हवा में उठा पाना संभव है?
.
Short Answer is... YES
एक लीटर हीलियम में लगभग एक ग्राम वजन को लिफ्ट करने की शक्ति होती है
अब अगर माना जाए की आपका वजन 60 किलो यानी 60000 ग्राम है तो ऑफकोर्स आपको हवा में उड़ाने के लिए 60000 लीटर हीलियम चाहिए
एक छोटे औसत हीलियम बैलून का डायमीटर एक फुट होता है जिसमे टेक्निकली 14 लीटर गैस आ जाती है
तो...
60000/14= 4285 बैलून की जरुरत है आपको हवा में उड़ा के ले जाने के लिए...
(Make it 5000 अगर आपको तेज गति से ऊपर जाना है)
.
ओके... अगर आप 4-5000 बैलून इकट्ठे करने के सिरदर्द से बचना चाहते है तो आर्मी स्टोर जा सकते है
10 फुट के बैलून मिलना आम बात है जो की रेलिटीवीली ज्यादा बड़ा होने के कारण 14-15 kg वजन सपोर्ट कर सकता है
तो.... ऐसे 4 बैलून लेके आपका काम चल जाएगा
.
तो अगर आप ऐसे 4 बैलून लेके उनसे रस्सी बाँध के... रस्सी का इक सिरा खुद से बाँध ले तो?
well
आप धीरे धीरे ऊपर उठना शुरू कर देगे... आपके नीचे मौजूद हाथ हिलाते लोग धीरे धीरे छोटे होते चले जायेगे
और धीरे धीरे आप उस ऊँचाई पर पहुच जायेगे... जहा से आपको अपना शहर "बौनो का देश" प्रतीत होने लगेगा
.
इस स्थिति में आस पास उड़ते पक्षियों को हाय बोल सकते है
जेब से मोबाइल निकाल के एक शानदार सेल्फी लेके पोस्ट कर सकते है
पर जो करना है जल्दी कर लीजिये
Fun time is near to end
.
हवा में 4 से 5 किलोमीटर ऊपर जाने के बाद... आपको सांस लेने में दिक्कत आने लगेगी... और ऊपर जाते जाते ऑक्सीजन की मात्रा ख़त्म होती जाएगी
But lets ignore oxygen anyway to continue our journey
.
ऊपर जाते जाते... वातावरण में हवा का दबाब घटता जाएगा और तापमान कम होता चला जाएगा
20 किलोमीटर के ऊपर जाने के बाद आप लगभग -71 डिग्री तापमान में होगे जो आपकी मृत्यु के लिए पर्याप्त है
इस उंचाई पर आपके शरीर में मौजूद रक्त कम दबाब के कारण उबलने लगेगा... फेफड़े फट जायेगे
शरीर फूल जाएगा और आपका वही हाल होगा जो बिना स्पेस सूट पहने अन्तरिक्ष में कदम रख देने वाले इन्सान का होता है
खैर... कल्पना के लिए मान लेते है की आप शक्तिमान के बेटे है और आपका शरीर ऑक्सीजन की कमी और दबाब की समस्या को झेल सकता है
तो... इस सफ़र का अंत क्या होगा?
क्या वो गुब्बारा आपको बाहरी अन्तरिक्ष में ले जाएगा?
उम्म्म... नहीं
पृथ्वी में हम जैसे जैसे ऊपर जाते है... वातावरण पतला होता जाता है और 32 किलो मीटर की उंचाई के बाद वातावरण इतना पतला होता जाता है की हीलियम से भरा गुब्बारा उससे ऊपर नहीं जा सकता
बेहतरीन परिस्थितियो में अगर आपके गुब्बारे से गैस लीक की संभावना शुन्य मानी जाए...
और आपका गुब्बारा बहुत विशालकाय है तो आप 40-45 किलोमीटर तक जाने की उम्मीद लगा सकते है...
बेशक "बाहरी अन्तरिक्ष" 960 किलोमीटर के बाद शुरू होता है और outer space की शुरुआत की सीमा 100 किलोमीटर मानी गई है
फिर भी... 40-45 किलोमीटर की ऊँचाई पर आप "अन्तरिक्ष के अन्धकार की काली बेल्ट" और पृथ्वी के वातावरण में फर्क साफ़ देख पायेगे
तो अब...???
हीहीही
अब क्या?
छलांग मारिये हुजुर
.
हवा में त्रिशंकु बन के लटके रहने का इरादा है क्या?
.
आपका यहाँ तक का सफ़र जितना मजेदार रहा है... जमीन का सफ़र उससे भी शानदार रहेगा
अगर माना जाए की आप लगभग 42 KM की ऊँचाई से कूदे है
तो... Keep In Mind... आपके पृथ्वी से टकराने में जुम्मा जुम्मा 5 मिनट शेष है
इस बैलून से कूदते ही सबसे पहले आपके सामने जो दिक्कत आयेगी वो है
"SPIN PROBLEM"
जी हाँ... अगर आप खुद को संभाल नहीं पाए तो आपका शरीर तीव्र गति से चक्कर काटते हुए गोल गोल घूमते हुए नीचे गिरेगा..
30 सेकंड तक लगातार इस स्थिति में रहने पर आपका खून दिमाग में इकट्ठा होना शुरू कर देगा... आँखों के सामने अन्धेरा छा जाएगा... आप अंधे हो जायेगे और लगातार इस स्थिति में एक मिनट से ज्यादा रहने पर अंत में ब्रेन हेमरेज हो जाने से आपकी मौत हो जायेगी
पर
अगर आपने शरीर को बैलेंस करते हुए spin की समस्या हल कर ली
तो..... मुबारक हो... कूदने के 34 सेकंड के अन्दर आप "Speed Of Sound" को टच कर रहे होगे...
50 सेकंड बीतने तक आपका शरीर 1350 किलोमीटर/घंटा की रफ़्तार से चलने वाला एक सुपर बुलेट बन चुका होगा
जो.... 15 किलोमीटर नीचे मौजूद अपेक्षाकृत सघन वातावरण में से गोली की तरह जब टकराएगा
तो... "Sonic Boom" पैदा होगी
आपके घने वातावरण में सुपर सोनिक बूम की तरह टकराने से प्रचंड शॉक वेव्स पैदा होगे जो निश्चित ही पृथ्वी के वातावरण को प्रभावित करेगे
दो प्रोफेशनल स्पेस डाइविंग एक्सपर्ट अब तक सुपर सोनिक स्पीड से पृथ्वी के वातावरण में घुसने का कारनामा कर चुके है
पर... offcourse उस वक़्त उन्होंने खुद को प्रोटेक्ट करने के लिए अतिआधुनिक प्रेशर सूट पहने हुए थे...
बिना सूट पहने ये कारनामा अंजाम देने पर आपका क्या होगा???
Well... राम नाम सत्य है
हीहीही
.
खैर... पृथ्वी के वातवरण में घुसने के बाद आपकी स्पीड घर्षण के कारण कम होने लगेगी और जल्द ही एक समय ऐसा आयेगा जब वातावरण का घर्षण और पृथ्वी की ग्रेविटी एक दुसरे को कैंसिल करने लगेगी
और
आप बिना accelerate हुए एक निश्चित रफ़्तार से नीचे गिरने लगेगे... जिसे Terminal Velocity कहते है... आपके लिए इसका मान लगभग 120 मील/घंटा होगा
.
तो अब आपके पास पैराशूट नहीं है तो... बजाय पृथ्वी पर टकरा के जान देने के
आप... दुआ कीजिये की आप किसी गहरे स्विमिंग पूल, या पोखर, तालाब नाले में "vertical" रूप से गिरे जहा आपके बचने की मामूली संभावना हो सकती है
.
और मान लीजिये अगर आप बच जाते है
तो...
Congratulations
You just broke record for highest space dive ever....
Previously it was 41419 metres From Google Ex VP Alan Eustace!!!
.
And As Always...
Thanks For Reading
तो... उसे लगता था कि... बादलो की इस परत के पार ही शायद उसका खुदा... उसको बनाने वाला रहता है
शायद इन बादलो के पार कोई दूसरी दुनिया है जिससे वो अनजान है
और इन्सान का दिल पक्षियों की तरह हवा में परवाज कर बादलो के पार जाने के लिए मचल जाता था
शायद ये इत्तेफाक तो नहीं कि ऐसे 4-5000 साल पुराने भित्ति चित्र भी मिले है... जिनमे "पक्षियों के पंख" लिए मानवआकृतियो में शायद हम अपने पूर्वजो में छुपी उड़ने की कसक साफ़ देख सकते है
.
खैर आज हम उड़ना भी सीख गए है और ये भी जानते है कि बादलो के पार कोई खुदा की सत्ता नहीं अपितु असीम संभावनाओं का विशाल महासागर है
.
लेकिन आज मेरा टॉपिक है "हवा में परवाज" करने को लेकर
बेशक किसी प्लेन में या स्पेस क्राफ्ट में बैठ के पृथ्वी को निहारने का अनुभव शानदार होगा पर...
क्या होगा अगर हम किसी गुब्बारे की रस्सी पकड़ हवा में उड़ते चले जाए???
क्या वो गुब्बारा हमें स्पेस में ले जाएगा?
Or.... More importantly
क्या एक गुब्बारे द्वारा हमें हवा में उठा पाना संभव है?
.
Short Answer is... YES
एक लीटर हीलियम में लगभग एक ग्राम वजन को लिफ्ट करने की शक्ति होती है
अब अगर माना जाए की आपका वजन 60 किलो यानी 60000 ग्राम है तो ऑफकोर्स आपको हवा में उड़ाने के लिए 60000 लीटर हीलियम चाहिए
एक छोटे औसत हीलियम बैलून का डायमीटर एक फुट होता है जिसमे टेक्निकली 14 लीटर गैस आ जाती है
तो...
60000/14= 4285 बैलून की जरुरत है आपको हवा में उड़ा के ले जाने के लिए...
(Make it 5000 अगर आपको तेज गति से ऊपर जाना है)
.
ओके... अगर आप 4-5000 बैलून इकट्ठे करने के सिरदर्द से बचना चाहते है तो आर्मी स्टोर जा सकते है
10 फुट के बैलून मिलना आम बात है जो की रेलिटीवीली ज्यादा बड़ा होने के कारण 14-15 kg वजन सपोर्ट कर सकता है
तो.... ऐसे 4 बैलून लेके आपका काम चल जाएगा
.
तो अगर आप ऐसे 4 बैलून लेके उनसे रस्सी बाँध के... रस्सी का इक सिरा खुद से बाँध ले तो?
well
आप धीरे धीरे ऊपर उठना शुरू कर देगे... आपके नीचे मौजूद हाथ हिलाते लोग धीरे धीरे छोटे होते चले जायेगे
और धीरे धीरे आप उस ऊँचाई पर पहुच जायेगे... जहा से आपको अपना शहर "बौनो का देश" प्रतीत होने लगेगा
.
इस स्थिति में आस पास उड़ते पक्षियों को हाय बोल सकते है
जेब से मोबाइल निकाल के एक शानदार सेल्फी लेके पोस्ट कर सकते है
पर जो करना है जल्दी कर लीजिये
Fun time is near to end
.
हवा में 4 से 5 किलोमीटर ऊपर जाने के बाद... आपको सांस लेने में दिक्कत आने लगेगी... और ऊपर जाते जाते ऑक्सीजन की मात्रा ख़त्म होती जाएगी
But lets ignore oxygen anyway to continue our journey
.
ऊपर जाते जाते... वातावरण में हवा का दबाब घटता जाएगा और तापमान कम होता चला जाएगा
20 किलोमीटर के ऊपर जाने के बाद आप लगभग -71 डिग्री तापमान में होगे जो आपकी मृत्यु के लिए पर्याप्त है
इस उंचाई पर आपके शरीर में मौजूद रक्त कम दबाब के कारण उबलने लगेगा... फेफड़े फट जायेगे
शरीर फूल जाएगा और आपका वही हाल होगा जो बिना स्पेस सूट पहने अन्तरिक्ष में कदम रख देने वाले इन्सान का होता है
खैर... कल्पना के लिए मान लेते है की आप शक्तिमान के बेटे है और आपका शरीर ऑक्सीजन की कमी और दबाब की समस्या को झेल सकता है
तो... इस सफ़र का अंत क्या होगा?
क्या वो गुब्बारा आपको बाहरी अन्तरिक्ष में ले जाएगा?
उम्म्म... नहीं
पृथ्वी में हम जैसे जैसे ऊपर जाते है... वातावरण पतला होता जाता है और 32 किलो मीटर की उंचाई के बाद वातावरण इतना पतला होता जाता है की हीलियम से भरा गुब्बारा उससे ऊपर नहीं जा सकता
बेहतरीन परिस्थितियो में अगर आपके गुब्बारे से गैस लीक की संभावना शुन्य मानी जाए...
और आपका गुब्बारा बहुत विशालकाय है तो आप 40-45 किलोमीटर तक जाने की उम्मीद लगा सकते है...
बेशक "बाहरी अन्तरिक्ष" 960 किलोमीटर के बाद शुरू होता है और outer space की शुरुआत की सीमा 100 किलोमीटर मानी गई है
फिर भी... 40-45 किलोमीटर की ऊँचाई पर आप "अन्तरिक्ष के अन्धकार की काली बेल्ट" और पृथ्वी के वातावरण में फर्क साफ़ देख पायेगे
तो अब...???
हीहीही
अब क्या?
छलांग मारिये हुजुर
.
हवा में त्रिशंकु बन के लटके रहने का इरादा है क्या?
.
आपका यहाँ तक का सफ़र जितना मजेदार रहा है... जमीन का सफ़र उससे भी शानदार रहेगा
अगर माना जाए की आप लगभग 42 KM की ऊँचाई से कूदे है
तो... Keep In Mind... आपके पृथ्वी से टकराने में जुम्मा जुम्मा 5 मिनट शेष है
इस बैलून से कूदते ही सबसे पहले आपके सामने जो दिक्कत आयेगी वो है
"SPIN PROBLEM"
जी हाँ... अगर आप खुद को संभाल नहीं पाए तो आपका शरीर तीव्र गति से चक्कर काटते हुए गोल गोल घूमते हुए नीचे गिरेगा..
30 सेकंड तक लगातार इस स्थिति में रहने पर आपका खून दिमाग में इकट्ठा होना शुरू कर देगा... आँखों के सामने अन्धेरा छा जाएगा... आप अंधे हो जायेगे और लगातार इस स्थिति में एक मिनट से ज्यादा रहने पर अंत में ब्रेन हेमरेज हो जाने से आपकी मौत हो जायेगी
पर
अगर आपने शरीर को बैलेंस करते हुए spin की समस्या हल कर ली
तो..... मुबारक हो... कूदने के 34 सेकंड के अन्दर आप "Speed Of Sound" को टच कर रहे होगे...
50 सेकंड बीतने तक आपका शरीर 1350 किलोमीटर/घंटा की रफ़्तार से चलने वाला एक सुपर बुलेट बन चुका होगा
जो.... 15 किलोमीटर नीचे मौजूद अपेक्षाकृत सघन वातावरण में से गोली की तरह जब टकराएगा
तो... "Sonic Boom" पैदा होगी
आपके घने वातावरण में सुपर सोनिक बूम की तरह टकराने से प्रचंड शॉक वेव्स पैदा होगे जो निश्चित ही पृथ्वी के वातावरण को प्रभावित करेगे
दो प्रोफेशनल स्पेस डाइविंग एक्सपर्ट अब तक सुपर सोनिक स्पीड से पृथ्वी के वातावरण में घुसने का कारनामा कर चुके है
पर... offcourse उस वक़्त उन्होंने खुद को प्रोटेक्ट करने के लिए अतिआधुनिक प्रेशर सूट पहने हुए थे...
बिना सूट पहने ये कारनामा अंजाम देने पर आपका क्या होगा???
Well... राम नाम सत्य है
हीहीही
.
खैर... पृथ्वी के वातवरण में घुसने के बाद आपकी स्पीड घर्षण के कारण कम होने लगेगी और जल्द ही एक समय ऐसा आयेगा जब वातावरण का घर्षण और पृथ्वी की ग्रेविटी एक दुसरे को कैंसिल करने लगेगी
और
आप बिना accelerate हुए एक निश्चित रफ़्तार से नीचे गिरने लगेगे... जिसे Terminal Velocity कहते है... आपके लिए इसका मान लगभग 120 मील/घंटा होगा
.
तो अब आपके पास पैराशूट नहीं है तो... बजाय पृथ्वी पर टकरा के जान देने के
आप... दुआ कीजिये की आप किसी गहरे स्विमिंग पूल, या पोखर, तालाब नाले में "vertical" रूप से गिरे जहा आपके बचने की मामूली संभावना हो सकती है
.
और मान लीजिये अगर आप बच जाते है
तो...
Congratulations
You just broke record for highest space dive ever....
Previously it was 41419 metres From Google Ex VP Alan Eustace!!!
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And As Always...
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