आज सवेरे सवेरे दिलजले की जिद पर ... अपने अनाथाश्रम के नजदीक मौजूद काली कलकत्ते वाली माँ के मंदिर में लंबलेट हो कर निकलते ही... मंदिर के सामने बैठे एक नमूने पे नजर पड़ी
गले में कंठी माला... वनस्पति चचा जैसा चूसे हुए आम माफिक मुह... हाथ में तख्ती लेके खड़ा था... जिसपे लिखा था
"101 रूपए में हाथ दिखा कर भविष्य जानिए"
.
कोतूहल में डूबे हुए... हम उस so called त्रिकालदर्शी के पास पहुचे और 100 रूपए निकाल के बोले...
"लो बे हाथ देखो"
.
"दिखाइए" सुनते ही... फट से हमारा धनुषटंकार उर्फ़ मोंटो दिलजले के कंधे से कूद कर हस्तरेखा विशेषज्ञ के सामने कूदा... और हाथ आगे कर दिया
.
"ये क्या मजाक है" चिल्ला कर हस्तरेखा विशेषज्ञ उठा
"मैं लकीरे देख के इंसानो का भविष्य बताता हूँ... बन्दर का नहीं...."
.
चटाक्क्क्क्क्क् !!!!
(बन्दर सुनते ही मोंटो का रिस्पांस तो आप समझ ही गए होंगे)
.
हस्तरेखा महोदय का तो अंटा गाफिल हो गया
हम सुबह से इस "शौच" में पड़े है कि...
जब लकीरो के सहारे इंसान का भविष्य बताया जा सकता है
तो... बंदरो का क्यों नहीं?
आफ्टर आल... लकीरे तो बन्दरो, चिंपैंजी वगेरह सबके हाथ में होती है
तो... क्या है इन लकीरो का सत्य?
Why Do We Have Palm Lines ???
*********************************
देखा जाए तो किसी भी तकनीक से इंसान का भविष्य बताना संभव ही नहीं है क्योंकि... भविष्य का तो अभी निर्माण ही नहीं हुआ है
इंसान का भविष्य सुनिश्चित होना तो...सीधे सीधे श्री कृष्ण के "कर्म स्वतंत्रता" के सिद्धांत पर गंभीर आघात करता है
.
वास्तव में आपके हाथो में लकीरे... विकास की प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण आयाम है और None The Less इन लकीरो के कारण ही आप..
"पृथ्वी के सबसे बुद्धिमान प्राणी कहे जाते हैं"
आज से लाखो वर्ष पूर्व...
जब किसी "एकमात्र पूर्वज" से वानरों,इंसानो, चिंपैंजी की वंश बेल अस्तित्व में आई
तो... इन "Hominid" प्रजातियों को प्रकृति द्वारा प्रदान की गई सबसे महत्वपूर्ण शारीरिक रचनाओ में से एक थी
"हाथ की लकीरे"
.
जिन लकीरो के कारण... आप अपने हाथ मोड़-सिकोड़ पाते है तथा मुट्ठी बंद कर ग्रिप बना पाते है
यही कारण है... कि चाहे आपका पेट हो... चाहे पाँव या चाहे मणि बन्ध या चाहे हथेली
शरीर का हर वो अंग... जिसे मोड़ने सिकोड़ने की आवश्यकता पड़ती है... वहां आपकी स्किन पर ये लकीरे अवश्य होगी
क्योंकि ये लकीरे ना हो तो आपकी खाल एक दूसरे के ऊपर "Clump" कर जायेगी
इन लकीरो के कारण ही... आप चीजो को पकड़ पाने और आवश्यकता अनुसार इस्तेमाल करने में समर्थ हो पाये है
इन लकीरो की सहायता से ही... मानव ने इतिहास में औजार बनाने सीखे
और... तकनीक की सहायता से ही मानव पृथ्वी के इतिहास में सर्वोच्च स्थान पर काबिज हो पाया है
अर्थात...
इंसान ने अपने सुनहरे भविष्य का निर्माण अवश्य अपने हाथो की लकीरो के दम पर किया है
लेकिन
अस्तित्व के लिए संघर्ष से भरे इस इतिहास में प्राप्त हुई विजय का कारण कोई लकीरे नहीं
विजय का कारण तो...
मानव के हाथो का सामर्थ्य रहा है !!!
.
अंत में किसी फेमस शायर की कुछ पंक्तिया याद आ रही है
.
मत इतरा इन हाथो की लकीरो पे ऐ दोस्त
हाथो से किस्मत वो भी लिखते हैं
.............जिनके हाथ नहीं हैं..........
****************************
Thanks For Reading !!!
डिस्क्लेमर: हाथ की लकीरो या बनावट से व्यक्ति का स्वभाव या मानसिक, शारीरिक स्थिति आदि के बारे में वैज्ञानिक अध्ययन से बताया जा सकता है
"भविष्य नहीं
गले में कंठी माला... वनस्पति चचा जैसा चूसे हुए आम माफिक मुह... हाथ में तख्ती लेके खड़ा था... जिसपे लिखा था
"101 रूपए में हाथ दिखा कर भविष्य जानिए"
.
कोतूहल में डूबे हुए... हम उस so called त्रिकालदर्शी के पास पहुचे और 100 रूपए निकाल के बोले...
"लो बे हाथ देखो"
.
"दिखाइए" सुनते ही... फट से हमारा धनुषटंकार उर्फ़ मोंटो दिलजले के कंधे से कूद कर हस्तरेखा विशेषज्ञ के सामने कूदा... और हाथ आगे कर दिया
.
"ये क्या मजाक है" चिल्ला कर हस्तरेखा विशेषज्ञ उठा
"मैं लकीरे देख के इंसानो का भविष्य बताता हूँ... बन्दर का नहीं...."
.
चटाक्क्क्क्क्क् !!!!
(बन्दर सुनते ही मोंटो का रिस्पांस तो आप समझ ही गए होंगे)
.
हस्तरेखा महोदय का तो अंटा गाफिल हो गया
हम सुबह से इस "शौच" में पड़े है कि...
जब लकीरो के सहारे इंसान का भविष्य बताया जा सकता है
तो... बंदरो का क्यों नहीं?
आफ्टर आल... लकीरे तो बन्दरो, चिंपैंजी वगेरह सबके हाथ में होती है
तो... क्या है इन लकीरो का सत्य?
Why Do We Have Palm Lines ???
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देखा जाए तो किसी भी तकनीक से इंसान का भविष्य बताना संभव ही नहीं है क्योंकि... भविष्य का तो अभी निर्माण ही नहीं हुआ है
इंसान का भविष्य सुनिश्चित होना तो...सीधे सीधे श्री कृष्ण के "कर्म स्वतंत्रता" के सिद्धांत पर गंभीर आघात करता है
.
वास्तव में आपके हाथो में लकीरे... विकास की प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण आयाम है और None The Less इन लकीरो के कारण ही आप..
"पृथ्वी के सबसे बुद्धिमान प्राणी कहे जाते हैं"
आज से लाखो वर्ष पूर्व...
जब किसी "एकमात्र पूर्वज" से वानरों,इंसानो, चिंपैंजी की वंश बेल अस्तित्व में आई
तो... इन "Hominid" प्रजातियों को प्रकृति द्वारा प्रदान की गई सबसे महत्वपूर्ण शारीरिक रचनाओ में से एक थी
"हाथ की लकीरे"
.
जिन लकीरो के कारण... आप अपने हाथ मोड़-सिकोड़ पाते है तथा मुट्ठी बंद कर ग्रिप बना पाते है
यही कारण है... कि चाहे आपका पेट हो... चाहे पाँव या चाहे मणि बन्ध या चाहे हथेली
शरीर का हर वो अंग... जिसे मोड़ने सिकोड़ने की आवश्यकता पड़ती है... वहां आपकी स्किन पर ये लकीरे अवश्य होगी
क्योंकि ये लकीरे ना हो तो आपकी खाल एक दूसरे के ऊपर "Clump" कर जायेगी
इन लकीरो के कारण ही... आप चीजो को पकड़ पाने और आवश्यकता अनुसार इस्तेमाल करने में समर्थ हो पाये है
इन लकीरो की सहायता से ही... मानव ने इतिहास में औजार बनाने सीखे
और... तकनीक की सहायता से ही मानव पृथ्वी के इतिहास में सर्वोच्च स्थान पर काबिज हो पाया है
अर्थात...
इंसान ने अपने सुनहरे भविष्य का निर्माण अवश्य अपने हाथो की लकीरो के दम पर किया है
लेकिन
अस्तित्व के लिए संघर्ष से भरे इस इतिहास में प्राप्त हुई विजय का कारण कोई लकीरे नहीं
विजय का कारण तो...
मानव के हाथो का सामर्थ्य रहा है !!!
.
अंत में किसी फेमस शायर की कुछ पंक्तिया याद आ रही है
.
मत इतरा इन हाथो की लकीरो पे ऐ दोस्त
हाथो से किस्मत वो भी लिखते हैं
.............जिनके हाथ नहीं हैं..........
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Thanks For Reading !!!
डिस्क्लेमर: हाथ की लकीरो या बनावट से व्यक्ति का स्वभाव या मानसिक, शारीरिक स्थिति आदि के बारे में वैज्ञानिक अध्ययन से बताया जा सकता है
"भविष्य नहीं
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