Wednesday, 13 April 2016

Theory of Sound

why the sound have a Sound??मतलब ध्वनि मेँ ध्वनि (आवाज)क्यूँ होती है?ये आप शायद तब नहीँ सोच रहे होगेँ जब आप इयरफोन लगा कर Yo yo को या लता जी को सुन रहेँ होगेँ शायद तब भी नहीँ जब आप अपने मनपसंद Loud गानेँ पर झूम रहे हो..But funny enough when,आप की नीँदे उड़ाता कोई शोर या मच्छर की भनभनाहट आपको पसंद नहीँ आता and u hated most to litsen this.और आप सोचते हैँ कि ये आवाज आखिर हो क्यूँ रही है! But u can't live without sound also.दरअसल ये साउंड, वाइब्रेशन्स से जनरेट होता है और हमारे कानों के परदे भी ठीक उसी तरह वाइब्रेट करते हैँ जैसे की sound source. लेकिन हर चीज को अपनी डेस्टिनेशन पर पहुँचने के लिये रास्ते की आवश्यकता होती है। ठीक उसी तरह sound अपने source से निकल कर waves के form मेँ किसी मीडियम जैसे हवा या पानी मेँ होकर हम तक पहुँचती है! जब कोई object किसी medium मेँ 1230 km/h से तेज चलता है तो जन्म होता है ध्वनि का! तूफान मेँ चलने वाली हवायेँ जब गर्म होकर चारों ओर फैलती है तो उसकी गति ध्वनि की गति से अधिक हो जाती है और एक तेज शोर शुरू होता है। चाबुक की आवाज भी उसके tip की गति अधिक होने से पैदा होती है। हमनेँ तूफान को तो परिभाषित कर लिया पर संगीत को एक pleasent arrangment of sound ही बता पाये।सिक्के को हवा मेँ उछालने से लेकर एक चीँटी के चलने तक मेँ sound है। इस समय 1860 मेँ आये QWERTY किबोर्ड को टाईप करनेँ मेँ भी साउंड है!Yeah..और अब the most beautiful fact is that 110 km/sec की गति से हमारी पड़ोसी गैलेक्सी एंड्रोंमेडा हमारी अपनी गैलैक्सी milky way से गले मिलने आ रही है और आज से 5-6 अरब वर्षों के बाद हम-आप अपनी छतों पर इनके महामिलन को अपनी आँखों से देख रहे होगेँ तो उस समय एक ऐसा अद्भुत, अतुलनीय, अपूर्व और इतना melodius संगीत सुनाई देगा जो उससे पहले कभी नहीँ सुना गया होगा।और तब जो आकाश मे तारों का best dancing performance होगा वो अपनी आँखो से देखना fortunating होगा!Sooo....Start your camera charging to record that incredible and beautiful event.

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