Wednesday, 9 March 2016

नीम का तेल (neem oil)

- नीम का तेल जोकि गंध व स्वाद में कड़वा
होता है प्रथम श्रेणी की कीटाणुनाशक
होता है।

- यह चर्म रोगों में लाभदायक है.


-यह गर्भ निरोधक के रूप में काम आता है .

-दांतों और मसूड़ों की समस्या में इसके तेल
की कुछ बूंदों मंजन में मिला कर मले.

- कील-मुंहासों के लिए नीम का तेल लगाने से भी लाभ होता है। चेचक के दाग दूर करने के लिए नीम की निबोली का तेल आराम देता है।

- गंजेपन की समस्या है तो सिर में नीम का
तेल लगाएं। इससे जूएं-लीखें भी दूर हो जाती हैं।

- बालों को चमकदार, स्वस्थ बाल के
लिए,सूखापन दूर करने के लिए कारगर हे। समय से पहले सफ़ेद होने से रोकता है और यहां तक कि बालों के झड़ने के लिए कुछ हद तक मदद कर सकता हैं।

- यह नाखून में स्निग्धता बनाता है, और भंगुर नाखून(टूटने और विकृत होने की समस्या) को हटा कर उन्हें नया- सुन्दर वर्ण प्रदान करता हे।इससे नाखून के कवक(फंगल) से छुटकारा मिल जाता है।

-नीम तेल एक जैविक कीटनाशक के रूप में
काम करता है: इससे "यह 'कीड़े हार्मोनल
संतुलन को बाधित किये बिना मर जाते हैं।
नीम तेल स्प्रे भी एक कीट रिपेलेंट के रूप में
इस्तेमाल किया जा सकता है. नीम मच्छरों
को दूर रखता है और यह आपकी त्वचा के
लिए अच्छा है.

- किसानों के लिए यह जैविक कीटनाशक का काम करता है. यह
पर्यावरण हितैषी है. यह जमीन या पानी
की आपूर्ति में कोई हानिकारक पदार्थ
नहीं मिलाता .यह बायोडीग्रेडेबल है. यह
मधुमक्खियों और केंचुए के रूप में उपयोगी
कीड़े को नुकसान नहीं पहुंचाता .

- जोड़ों
में दर्द हो तो नीम के तेल की मालिश से
लाभ होता है.

- फीलपांव के रोगी को 5 से
10 बूंद नीम का तेल प्रतिदिन 2 बार सेवन
करना चाहिए।

- जलने की वजह से शरीर में
जख्म बन जाने पर नीम का तेल लगाने से
जख्म जल्दी ठीक हो जाते हैं। जीवाणुओं के
संक्रमण (फैलने) से भी सुरक्षा होती है।

-
आधा चम्मच नीम का तेल दूध में मिलाकर
सुबह-शाम को पीने से रक्तप्रदर और सभी
प्रकार के प्रदर निश्चित रूप से बन्द हो
जाता है।

- नीम के तेल को लगाने से कान
की फुंसिया ठीक हो जाती हैं। अगर
फुंसियों में जलन भी हो तो नीम के तेल के
बराबर ही तिल का तेल मिलाकर फुंसियों
पर लगाने से आराम आता है। कान के दर्द और
कान बहने में भी नीम का तेल लगाने से लाभ
होता है.

- नीम का तेल और शहद बराबर लेकर
मिला लें, फिर इसकी 2-2 बूंदे रोजाना 1 से
2 महीने तक कान में डालने से कान के बहने में
लाभ मिलता है।

- नीम के तेल में चालमोंगरे
का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर शीशी में
भरकर रख लें। इस तेल को सफेद दागों पर लगा
लें और 5 से 6 बूंद बताशे में डालकर खा लें।

-
नीम के तेल को सूंघने मात्र से बाल काले हो
जाते हैं। इसकी २ बूँद नाक में डाले . - नीम के
तेल की मालिश करने से सिर के दर्द में आराम
आता है। - नीम तेल और सरसों तेल में थोड़ा
कपूर मिला ले. इसका दिया जलाने से कीड़े
और मच्छर दूर रहते है.

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