देशी घी की कैसे करे पहचान
देसी घी को सेहत का अचूक नुस्खा माना जाता है, लेकिन बाज़ार में बड़े पैमाने पर जो घी बिक रहा है, वो सेहत का सत्यानाश करने वाला है. घी के नाम पर जो कुछ बिक रहा है, वह घी है ही नहीं. उसमें तो जानवरों की चर्बी, हड्डी और केमिकल है……
पूरे देश में बड़े पैमाने पर घी के नाम पर हड्डी औऱ चर्बी के घालमेल का काला कारोबार चल रहा है. भैंस, भैसा, गाय, बैल औऱ ऊंट का मांस उबाला जाता है. मांस उबालकर जानवरों की चर्बियां सुखायी जाती हैं.
पहचान
देसी नस्ल की गाय का घी या भेंस का शुद्ध असली घी लीजिए 1 लीटर.
अब इसको किसी बर्तन में डाल कर उबाल लीजिए.
जब यह अच्छे से उबल जाए तो उतार लीजिए.
अब इस तरल घी को किसी बर्तन में डाल कर ढक कर 24 घंटे रख दीजिए.
24 घंटे बाद जब आप घी को देखेंगे तो वह दानेदार बन चुका होगा एवं खुश्बू भी अच्छी आ रही होगी. खा कर देखिए स्वाद से भी आपको पता लगेगा की घी बिल्कुल शुद्ध है.
यह पहचान है शुद्ध देसी घी की.. चाहे वह देसी गाय का हो चाहे भेंस का हो.
अब यही प्रयोग आप बाजार में मिलने वाले घी के साथ कीजिए. जो डिब्बे में पेक मिलता है..
जब इन डिब्बा बंद घी को आप गर्म कर के ठंडा करेंगे तो पाएँगे की घी का रंग बदल चुका होगा.. दानेदार की जगह घी दिखने में अजीब सा हो चुका होगा. खुश्बू जा चुकी होगी.. और स्वाद डालडा घी (वनस्पति घी) जैसा मिलेगा.
पांच एम एल पिघला हुआ घी लें। इसमें पांच एमएल हाइड्रोक्लोरिक एसिड डालें। एक चुटकी चीनी डालकर इसे दो मिनट तक मिलाएं। घी का रंग गुलाबी या लाल हो जाएगा। यह मिलावट की पहचान है।
घी में शकरकंदी या आलू मिला होने पर जांच के लिए पांच बूंद घी टैस्ट ट्यूब में लें। इसमें एक बूंद आयोडीन सोल्यूशन डालें। घी का रंग नीला हो जाएगा। यह घी में स्टार्च की मिलावट बताता है। इसे गर्म करने पर घी का रंग उड़ जाता है। ठंडा होने पर घी पुन: उसी रंग का बन जाता है।
घी में दूध या दूध से तैयार सामग्री की मिलावट जांचने के लिए एक चम्मच पिघले हुए घी में पांच एमएल डाइल्यूटेड सल्फ्यूरिक एसिड डालकर हिलाएं। इसका रंग गुलाबी या केसरी हो जाएगा। यह घी में कोलटार डाई की मिलावट को बताता है। डाइल्यूटेड सल्फ्यूरिक एसिड की बजाय हाइड्रोक्लोरिक एसिड से भी जांच की जा सकती है।
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