मछलियां भी पानी में डूबने से मर सकती है. जिस तरह से मनुष्यों को ऑक्सीजन की जरूरत होती है वैसे इन्हें भी ऑक्सीजन की जरूरत होती है. मतलब कि अगर मछलियों को पानी में ऑक्सीजन नही मिलेगी तो वह दम घूटने की वजह से पानी में डूबकर मर जाएगी.एक मछलियों के झुंड में जो मछली मध्य में होती है वही पूरे झुंड़ कोनियंत्रण में रखती है. बाकी की मछलीयां मध्य की मछली के निर्देश अनुसार चलती हैं.ज्यादातर मछलियां पिछली और नही तैर सकती जो तैर सकती है वह मुख्य रूप से सर्पमीन की प्रजाति के मैंबर होते है. सर्पमीन सांप जैसी मछलियां होती है.अगर एक मछली कुछ चबाती है तो उसका दम घुटता है क्योंकि चबाने से उनके गलफडो़ के ऊपर से जो पानी निकलता है वह उसमें बाधा उत्पन्न करता है जिससे कि मछली का दम घुटता है.🐋🐋🐋🐋🐋🐋🐋🐋🐋🐋'दैत्य व्हेल शार्क'दुनिया की सबसे बड़ी मछली 'दैत्य व्हेल शार्क' है जिसकी लंम्बाई दो स्कूल बसों जितनी बढ़ जाती है. इसका वजन लगभग 25,000 किलो होता है और यह मुख्य रूप से प्लवक खाती है. प्लवक खारे पानी में उगने वाली बनस्पती होती है. इसके लगभग 4,000 दांत होते है जो कि मात्र 3 मिलीमीटर आकार के होते हैं.🐳🐳🐳🐳🐳🐳🐳🐳🐳🐳पत्थर मछली दुनिया में सबसे जहरीली मछली होती है. इसके काटने से व्यकित पैरालाइज हो सकता है. अगर कुछ ही घंटो में पीड़त का उपचार नही होता तो उसकी मृत्यु हो जाएगी.🐋🐋🐋🐋🐋🐋🐋🐋🐋🐋पीरैनहस एक प्रकार की मछली होती है जो कि दक्ष्णिी अमरीका में पाई जाती है. इसके दांत बहुत ही तीखे होते है. यह मछलियों ,कीड़ों,बीजो, फलों के साथ-साथ घोड़ो को भी खा सकती है.🐟🐟🐟🐟🐟🐟🐟🐟🐟🐟सेलफिश सबसे तेज मछली हो जो कि 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफतार से तैर सकती है.🐠🐠🐠🐠🐠🐠🐠🐠🐠🐠संमुद्रीघोड़ा मछलीसमुद्रीघोड़ा मछली सबसे धीमे चलने वाली मछली है. इसमें से क्षुद्र(लघु) संमुद्रीघोड़ा मछली पाँच फुट तक चलने में एक घंटा लगाएगी. इतना धीमे चलने के कारण यह आपको चलते हुए भी रुकी नजर आएगी.🐟🐟🐟🐟🐟🐟🐟🐟🐟🐟कुछ मछलियों की चमड़ी पर कांटे होते है और शार्को जैसी मछलियों की चमडी रेगमार जैसी होती है.🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬हैमरहैड शार्कहैमरहैड शार्के 500 तक के बडे़ समूह में चलती है. सबसे शक्तिशाली मादा मध्य में चलती है और जब वह सहवास के लिए त्यार होती है तो दूसरी किसी मादा के साथ दोनो तरफ सिर मिलाने के बाद वह अपना स्थान उसे दे देती है.🐋🐋🐋🐋🐋🐋🐋🐋🐋🐋कुछ पुपमछलियां 45 डिगरी तक के गर्म तापमान में भी रह सकती हैं.🐳🐳🐳🐳🐳🐳🐳🐳🐳🐳अब तक लगभग 32,000 हजार प्रकार की मछलियों का पता लगाया जा चुका हैजो अलग-अलग प्रकार का भोजन करती है . पर वैज्ञानिक अभी भी नई-नई प्रका की प्रजातीयों को खोज रहें है.🐠🐟🐟🐠🐬🐬🐬🐬🐬🐬बैटफिस एक प्रकार की ऐसी मछली हो जो खतरे का आभास होने पर बिलकुल गतीहीन हो जाती है और वह एक बहते हुए पत्ते की तरह नजर आती है.🐳🐳🐬🐟🐟🐠🐠🐠🐠🐠ऐनाबलीप्स मछली के चार आँखे होती है और वह एक ही समय में ऊपर और नीचे देख सकती है.🐳🐳🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬कुछ चक्रवात पानी के ऊपर तैर रही मचलियों को उड़ाने जाते है और जमीन पर वर्षां के साथ फेक देते है. ऐसा हजारो सालों से होता आ रहा है. रोमन लेखक पलिनी पहली सदी में एक ऐसी ही घटना का एक लेख में वर्णन करते हैं.🐋🐋🐋🐋🐋🐋🐋🐋🐋🐋लैमप्रीस और हैग मछलियां करोडो़ सालों से अब तक जीवित है. यह अबी तकभी पूरी तरह से विकसित नही हुई है.🐳🐬🐟🐟🐠🐠🐠🐠🐟🐟नर ऐंगलमछली आकार में मादा से बहुत छोटी होती है. मादाओं की लंम्बाई जहां 24 इंच तक बढ़ जाती है तो दूसरी तरफ नरों की केवल 1.6 इंच ही होती है. नर, मादाओं के ऊपर परजीवी की तरह निर्भर है.🐟🐟🐟🐟🐟🐟🐟🐟🐟🐟वैज्ञानिको ने संमुद्र की गहराई का केवल एक प्रतीशत हिस्सा ही खोजा है. वह मानते है कि अभी भी लांखों जीव-जंतू अपनी खोज के लिए इंतजार कर रहे हैं.🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬एक नर सम्राट ऐंगलमछलीएक नर सम्राट ऐंगलमछली पाँच से ज्यादा मादा साथियों के साथ रहती है. जब सम्राट ऐंगमछली की मौत हो जाती है तो उनमें से एक मादा मछली झुंड की नेता बनने के लिए नर मछली बन जाती है. यब अभी तक रहस्य बना हुआ है.🐋🐋🐋🐋🐋🐋🐋🐋🐋🐋सालमान मछलियां पानी के बहाव की विपरीत दिशा में भी आसानी से तैर सकती है. इसके इलावा यह नदीयो और ठंडे संमुद्रों में भी आसानी से रहसकती है.🐳🐳🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬संमुद्रीघोड़ा मछली अपनी दोनो आँखो को अलग-अलग घुमा सकती है. वह एक ही समय में एक आँख से दाई ओर, और दूसरी से बाई ओर देख सकती है. इसके इलावा यह आसपास के वातावरण अनुसार अपना रंग भी बदल सकती है.🐟🐟🐟🐟🐟🐟🐟🐟🐟🐟ज्यादातर किस्म की संमुद्रीघोड़ा मछिलयां जोड़े(नर और मादा) के रूप में इकट्टठी रहती है. मादा संमुद्री घोड़ा अपने अंडे नर के पेट के अंदर बनी एक थैली में देती है. जब अंड़ो से बच्चे निकलने वाले होते हैं तो नर अपनी पुंछ की सहायता से उन्हें संमुद्री काई के ऊपर रख देते है.🐠🐠🐠🐠🐠🐠🐠🐠🐠🐠ज्यादातर मछलियों की तरह सुर्यमछली के पुंछ नही होती. एक मादा सुर्यमछली एक साल में तीस करोड़ अंडे दे सकती है. प्रत्येक अंडे का आकार महज एक बिंदु के जितना होता है.🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬मछलियां ठंड़े-खून वाले प्राणी हो. अर्थात इनका अंदरूनी तापमान आसपास के वातावरण अनुसार बदल जाता है.🐋🐋🐋🐋🐋🐋🐋🐋🐋🐋अमेजन नदी में पूरे युरोप से अधिक मछलियों की प्रजातियां पाई जाती है.
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