बारीक चूर्ण बनाकर रख लें, फिर इसी बने चूर्ण की 3
ग्राम मात्रा को लगभग 1 महीने तक रोज सुबह-शाम
को पीने से स्त्रियों को होने वाला श्वेतप्रदर
(ल्यूकोरिया) नष्ट हो जाता है।
2. झरबेरी: झरबेरी के बेरों को सुखाकर रख लें। इसे
बारीक चूर्ण बनाकर लगभग 3 से 4 ग्राम की मात्रा
में चीनी (शक्कर) और शहद के साथ प्रतिदिन सुबह-
शाम को प्रयोग करने से श्वेतप्रदर यानी ल्यूकोरिया
का आना समाप्त हो जाता है।
3. नागकेशर: नागकेशर को 3 ग्राम की मात्रा में
छाछ के साथ पीने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) की
बीमारी से छुटकारा मिल जाता है।
4. रोहितक: रोहितक की जड़ को पीसकर पानी के
साथ लेने से श्वेतप्रदर के रोग में लाभ मिलता है।
5. केला: 2 पके हुए केले को चीनी के साथ कुछ दिनों
तक रोज खाने से स्त्रियों को होने वाला प्रदर
(ल्यूकोरिया) में आराम मिलता है।
6. गुलाब: गुलाब के फूलों को छाया में अच्छी तरह से
सुखा लें, फिर इसे बारीक पीसकर बने पाउडर को
लगभग 3 से 5 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह और
शाम दूध के साथ लेने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) से
छुटकारा मिलता है।
7. मुलहठी: मुलहठी को पीसकर चूर्ण बना लें, फिर
इसी चूर्ण को 1 ग्राम की मात्रा में लेकर पानी के
साथ सुबह-शाम पीने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) की
बीमारी नष्ट हो जाती है।
8. शिरीष: शिरीष की छाल का चूर्ण 1 ग्राम को
देशी घी में मिलाकर सुबह-शाम पीने से श्वेतप्रदर
(ल्यूकोरिया) में लाभ मिलता है।
9. बला: बला की जड़ को पीसकर चूर्ण बनाकर शहद
के साथ 3 ग्राम की मात्रा में दूध में मिलाकर सेवन
करने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) में लाभ प्राप्त होता
है।
10. बड़ी इलायची: बड़ी इलायची और माजूफल को
बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह पीसकर समान
मात्रा में मिश्री को मिलाकर चूर्ण बना लें, फिर
इसी चूर्ण को 2-2 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन
सुबह-शाम को लेने से स्त्रियों को होने वाले श्वेत
प्रदर की बीमारी से छुटकारा मिलता है।
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