कुछ साल पहले जब हम लोगों से कोई पूछता था कि भारत का सबसे लम्बा त्योहार कौन सा है तो हम कहते थे.... "दीपावली"...
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क्योंकि 5 दिनों तक दीपावली की धूम होती है । लेकिन पिछले कुछ वर्षों से एक नए त्योहार ने जन्म लिया है जो दीपावली से भी 3 गुना लम्बा है 7 फरवरी से शुरू होकर 20 फरवरी तक चलने वाला त्योहार है जिसका नाम है Valentine's Day.... पहले यह सिर्फ day था फिर week बना और अब आधा महीना चलता है... एक ऐसा त्योहार जो प्रेम के नाम पर लूट और वासना की अपसंस्कृति को बढ़ावा देता है.... एक ऐसा त्योहार जिसे समाज के चिंतकों ने नहीं बल्कि आर्थिक जगत के विशेषज्ञों ने बनाया.....
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खैर ! इससे पहले कि आप मुझे असहिष्णु gasp emoticon gasp emoticon या पिछड़ी मानसिकता वाला मान कर मन ही मन गालियां दें, मैं चाहूँगा कि कुछ आंकड़ों पर आप ध्यान दें.... मैंने पिछले कुछ वर्षों में Valentine's Day पर बाज़ार के कुछ आंकड़ों पर ध्यान दिया, इस दौरान चॉक्लेट, फूल, तोहफ़ों की बिक्री बढ़ जाती है, रैस्टौरेंट का धंधा मस्त चलता है लेकिन जो आंकड़े चौंकने वाले हैं वो हैं Condoms की बिक्री का 25% तक बढ़ जाना, Contraceptive Pills की बिक्री बढ़ जाना.....
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जी हाँ.....! शायद आपको अजीब लगे लेकिन ये बाज़ार के आंकड़े हैं.... उम्मीद करता हूँ कि अब यह समझने में देरी नहीं लगेगी कि आखिर क्यों साल दर साल इस आधुनिक त्योहार की लंबाई बढ़ती चली जा रही है । कुछ वर्षों पहले एक फिल्म आई थी जिसमें एक ग्रीटिंग कार्ड बनाने वाली कंपनी का जमकर विज्ञापन किया गया था जिसके पश्चात ग्रीटिंग कार्ड का चलन देश में काफी बढ़ गया इसी प्रकार Valentine's Day को हमारे समाज पर थोप दिया गया जिसके टार्गेट रहे युवा वर्ग बहुत सारे रैस्टौरेंट वाले Valentine's Day का Function भी करवाते हैं....!
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क्यों ?????
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धंधा है और मजे की बात ये है कि इस दिन जब लड़के रैस्टौरेंट में कुछ खाने का ऑर्डर करते हैं तो Change को बतौर टिप छोड़ देते हैं जैसे कि 200 रुपये का पिज्जा Valentine Couple Special Pizza के नाम से 350 रुपये में खरीदे और 500 रुपए का नोट दे कर बचे 150 रुपए वेटर को टिप दे दिये ताकि Girlfriend और अधिक इम्प्रेस हो जाए......
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जी हाँ ! अजीब लगता है सुन कर लेकिन यह हो रहा है हमारे समाज में हाल ही में मैंने एक बड़े ब्रांड के चॉक्लेट का डब्बा(Imported) देखा 250 रुपए का डब्बा जिसमें कुछ 30 छोटे छोटे चॉक्लेट थे बाकी पूरी कीमत सिर्फ Packing की.... सोचिए हमारे युवा किस तरह मूर्खता में पैसे फूँक रहे हैं अब आप सोचिए कि बाजार के इन धूर्तों ने युवाओं को ही टार्गेट करने वाला त्योहार क्यों बनाया ???
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क्योंकि यही एक वर्ग ऐसा है जिसे आसानी से बेवकूफ बनाया जा सकता है..... सोचिए जब आप दीपावली की खरीदी करने जाते हैं तो क्या आप अनाप-शनाप खर्च करते हैं ? नहीं ! आप अपना बजट देखकर खर्च करते हैं । क्यों ??? क्योंकि दीपावली की खरीदी परिवार के बड़े लोगों की देखरेख में होती है और Valentine's Day पर होने वाला खर्चा ??? घर के बड़ों से छुपकर होता है... और मजे की बात देखिये कि ये तथाकथित प्रेमी जोड़े हर साल किसी नए के साथ जोड़े के तौर पर दिखते हैं और इसे ये लोग प्रेम ( gasp emoticon ??) माफ कीजिए सच्चा प्रेम का नाम दे देते हैं.....
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यकीन मानिए आंकड़े तो यही बताते हैं कि Valentine's Day प्रेम का दिवस नहीं वासना का दिवस है और बाजार के हाथों मूर्ख बनने का दिवस..... दुनिया के कुछ स्थान तो ऐसे हैं जहां इसे National Condom Day तक कहा जाता है और मार्च के महीने को Pregnancy Test का महीना.....
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खैर......!
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क्योंकि 5 दिनों तक दीपावली की धूम होती है । लेकिन पिछले कुछ वर्षों से एक नए त्योहार ने जन्म लिया है जो दीपावली से भी 3 गुना लम्बा है 7 फरवरी से शुरू होकर 20 फरवरी तक चलने वाला त्योहार है जिसका नाम है Valentine's Day.... पहले यह सिर्फ day था फिर week बना और अब आधा महीना चलता है... एक ऐसा त्योहार जो प्रेम के नाम पर लूट और वासना की अपसंस्कृति को बढ़ावा देता है.... एक ऐसा त्योहार जिसे समाज के चिंतकों ने नहीं बल्कि आर्थिक जगत के विशेषज्ञों ने बनाया.....
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खैर ! इससे पहले कि आप मुझे असहिष्णु gasp emoticon gasp emoticon या पिछड़ी मानसिकता वाला मान कर मन ही मन गालियां दें, मैं चाहूँगा कि कुछ आंकड़ों पर आप ध्यान दें.... मैंने पिछले कुछ वर्षों में Valentine's Day पर बाज़ार के कुछ आंकड़ों पर ध्यान दिया, इस दौरान चॉक्लेट, फूल, तोहफ़ों की बिक्री बढ़ जाती है, रैस्टौरेंट का धंधा मस्त चलता है लेकिन जो आंकड़े चौंकने वाले हैं वो हैं Condoms की बिक्री का 25% तक बढ़ जाना, Contraceptive Pills की बिक्री बढ़ जाना.....
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जी हाँ.....! शायद आपको अजीब लगे लेकिन ये बाज़ार के आंकड़े हैं.... उम्मीद करता हूँ कि अब यह समझने में देरी नहीं लगेगी कि आखिर क्यों साल दर साल इस आधुनिक त्योहार की लंबाई बढ़ती चली जा रही है । कुछ वर्षों पहले एक फिल्म आई थी जिसमें एक ग्रीटिंग कार्ड बनाने वाली कंपनी का जमकर विज्ञापन किया गया था जिसके पश्चात ग्रीटिंग कार्ड का चलन देश में काफी बढ़ गया इसी प्रकार Valentine's Day को हमारे समाज पर थोप दिया गया जिसके टार्गेट रहे युवा वर्ग बहुत सारे रैस्टौरेंट वाले Valentine's Day का Function भी करवाते हैं....!
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क्यों ?????
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धंधा है और मजे की बात ये है कि इस दिन जब लड़के रैस्टौरेंट में कुछ खाने का ऑर्डर करते हैं तो Change को बतौर टिप छोड़ देते हैं जैसे कि 200 रुपये का पिज्जा Valentine Couple Special Pizza के नाम से 350 रुपये में खरीदे और 500 रुपए का नोट दे कर बचे 150 रुपए वेटर को टिप दे दिये ताकि Girlfriend और अधिक इम्प्रेस हो जाए......
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जी हाँ ! अजीब लगता है सुन कर लेकिन यह हो रहा है हमारे समाज में हाल ही में मैंने एक बड़े ब्रांड के चॉक्लेट का डब्बा(Imported) देखा 250 रुपए का डब्बा जिसमें कुछ 30 छोटे छोटे चॉक्लेट थे बाकी पूरी कीमत सिर्फ Packing की.... सोचिए हमारे युवा किस तरह मूर्खता में पैसे फूँक रहे हैं अब आप सोचिए कि बाजार के इन धूर्तों ने युवाओं को ही टार्गेट करने वाला त्योहार क्यों बनाया ???
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क्योंकि यही एक वर्ग ऐसा है जिसे आसानी से बेवकूफ बनाया जा सकता है..... सोचिए जब आप दीपावली की खरीदी करने जाते हैं तो क्या आप अनाप-शनाप खर्च करते हैं ? नहीं ! आप अपना बजट देखकर खर्च करते हैं । क्यों ??? क्योंकि दीपावली की खरीदी परिवार के बड़े लोगों की देखरेख में होती है और Valentine's Day पर होने वाला खर्चा ??? घर के बड़ों से छुपकर होता है... और मजे की बात देखिये कि ये तथाकथित प्रेमी जोड़े हर साल किसी नए के साथ जोड़े के तौर पर दिखते हैं और इसे ये लोग प्रेम ( gasp emoticon ??) माफ कीजिए सच्चा प्रेम का नाम दे देते हैं.....
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यकीन मानिए आंकड़े तो यही बताते हैं कि Valentine's Day प्रेम का दिवस नहीं वासना का दिवस है और बाजार के हाथों मूर्ख बनने का दिवस..... दुनिया के कुछ स्थान तो ऐसे हैं जहां इसे National Condom Day तक कहा जाता है और मार्च के महीने को Pregnancy Test का महीना.....
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खैर......!
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