Thursday, 21 April 2016

786 क्यों लिखा जाता है ???

786 कुल संख्या है "Bismillah al-Rahman al-Rahim" के नाम की|अरब के लोग दो तरह से कोई भी अक्षर लिखते है| एक तरीका है सीधा वर्णमाला लिखना और दूसरा तरीका है अंकगणित से लिखना| ज्यादातर लोग यह नहीं जानते के अंकगणित में भी नाम लिखा जाता है| जो अरबिक में लिखा जाता है वो 1 से 1000 अंकगणित तक लिखा जाता है| "Abjad" तरीकेमें ही 1 से 1000 तक लिखा जाता है|अगर आप Bismillah के शब्दों को "Abjad" तरीके से लेते है तो इसका कुल 786 आएगा| भारत और पाकिस्तान में ज्यादातर लोग बिस्मिल्लाह को"Abjad" तरीके से ही लिखते है वो हमेशा 786 लिखते है| वो पूरा नाम लिखने से बचते है और सीधा 786 लिख देते है| इसका कुराने पाक में कोईजिकर नहीं है क्यूंकि यह "Abjad" अंकगणित बहुत बाद में आया था|कुछ समय पहले मुसलमान Ar-Raz ने अपनी मशहूर et-Tafsir-ul Kabir में बिस्मिल्लाह के 19 अक्षर लिखे हैं|Bismillah के अक्षरों का जोड़ 786 बन जाता है|

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